नई दिल्ली। आर्थिक मंदी और महंगाई की मार झेल रही देश की अर्थव्यवस्था के बीच सरकार आम नागरिकों को कर में रियायत दे राहत प्रदान करने के मूड में है। सूत्रों की माने तो सरकार नये साल में आयकर के स्लैब में कमी करने पर विचार कर रही है। ऐसा सरकार आर्थिक विकास दर और खपत बढ़ाने के उद्देश्य से कर रही है। सरकार आयकर के कई प्रस्तावों पर विचार कर रही है।
सूत्रों की माने तो सरकार एक फ्लैट टैक्स रेट रखने और ज्यादा आमदनी वालों के लिए नए स्लैब्स बनाने की सोच रही है। साथ ही सरकार कॉरपोरेट टैक्स में कमी की तर्ज पर पर्सनल इनकम टैक्स में कमी करने जैसे प्रस्तावों पर सरकार विचार किया जा रहा है।
कटौती को लेकर जो सिफारिशें कि गई है वह- डायरेक्ट टैक्स का समीक्षा करने के लिए बनाई गई कमिटी ने 10 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वालों के लिए 10 फीसदी पर्सनल इनकम टैक्स रेट रखने की सलाह दी है। कमेटी के मुताबिक, 10 लाख से 20 लाख रुपये तक सालाना इनकम वालों पर 20 फीसदी , 20 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये तक सालाना इनकम वालों पर 30 फीसदी और 2 करोड़ रुपये से ज्यादा आमदनी वालों पर 35 फीसदी के टैक्स रेट की सलाह दी थी। उसने मौजूदा इनकम टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट मे किसी बदलाव की सलाह नहीं दी थी. उसने अपर लिमिट पर इनकम पर लगने वाला सरचार्ज हटाने की सिफारिश भी की
बताते चलें कि मौजूदा समय में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी टैक्स फ्री है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 5 फीसदी की दर से, 5-10 लाख रुपये तक की आमदनी पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है।
वहीं सरकार रिबेट्स क के जरिए लोअर एंड पर राहत देती रही है, लेकिन ये स्लैब्स कई वर्षों से जस के तस बने हुए हैं। 50 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आमदनी वालों को उनकी इनकम के आधार पर 10-37 फीसदी तक अतिरिक्त सरचार्ज देना होता है।
सूत्रों की माने तो सरकार करदाताओं का बड़ी राहत दे सकती है। सरकार कंजम्पशन बढ़ाने के लिए ऑप्शन पर काम कर रही है। इसमें पहला, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के जरिए सीधे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा दे दिया जाए या इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया जाए। इसके अलावा इनकम टैक्स स्ट्रक्चर में किसी भी बदलाव से केवल उन 3 करोड़ लोगों को फायदा होगा जो इनकम टैक्स देते हैं।
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